3. बूढ़ी हवेली की रहस्यमयी कहानियाँ | Mysterious stories of Budhi Haveli
गाँव के बाहरी छोर पर एक पुरानी और खंडहर हवेली Haveli थी, जिसे सब लोग “बूढ़ी हवेली Budhi Haveli ” के नाम से जानते थे। इस हवेली के बारे में कई कहानियाँ मशहूर थीं। कहते थे कि वहाँ कोई रहस्यमयी ताकतें थीं, जो रात के अंधेरे में जाग उठती थीं। दिन के उजाले में यह हवेली एक साधारण वीरान जगह दिखती थी, लेकिन रात होते ही हवेली के अंदर की दीवारें और फर्श सजीव हो जाते थे।
गाँव में हर बच्चा इस हवेली के पास जाने से डरता था, लेकिन एक दिन राजू और उसके दोस्त सोनू, पिंकी और मोहन ने साहस जुटाया और तय किया कि वे उस बूढ़ी हवेली के अंदर जाकर पता लगाएंगे कि आखिर इसमें ऐसा क्या है, जो सभी को डराता है।
पहली रात का सामना
रात के समय, जब पूरा गाँव सो रहा था, राजू और उसके दोस्तों ने चुपचाप अपने घरों से निकलकर हवेली का रुख किया। हवेली Haveli की दीवारों पर लगी बेलों ने हवेली Haveli को और भी डरावना बना दिया था। अंदर जाते ही, ठंडी हवा का झोंका उन पर आया, जैसे हवेली के अंदर कोई सिसकियाँ भर रहा हो। हवेली के फर्श पर धूल की मोटी परत जमी हुई थी, पर वहाँ किसी के पैरों के निशान भी थे।
राजू ने जैसे ही आगे कदम बढ़ाए, उसे दरवाज़े के पास हलचल महसूस हुई। किसी ने जैसे दरवाज़े के पीछे से झांका हो। उसके दिल की धड़कन तेज़ हो गई, पर वह रुका नहीं। धीरे-धीरे वे सब अंदर बढ़ने लगे। अंदर जाते ही, उन्हें एक बड़ी सी पुरानी तस्वीर दिखाई दी। तस्वीर में एक बूढ़ा आदमी था, जिसकी आँखें उनके पीछे-पीछे घूम रही थीं। पिंकी ने यह देखा और घबराकर चिल्लाई, “उसकी आँखें हिल रही हैं!” सबने देखा वाकई में ऐसा लगा जैसे तस्वीर का बूढ़ा आदमी उन्हें घूर रहा हो।
अजीब आवाज़ें और दरवाजों का बंद होना
जैसे ही वे और आगे बढ़े, एक ज़ोर की आवाज़ हुई और हवेली Haveli का मुख्य दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया। अब वे अंदर फँस गए थे। मोहन ने घबराकर दरवाज़ा खोलने की कोशिश की, पर वह हिला तक नहीं। तभी उन्हें हवेली के अंदर से अजीब सी खटपट और फुसफुसाहट सुनाई देने लगी। हवेली के ऊपरी मंजिल से किसी के चलने की आवाज़ आई। राजू ने अपने दोस्तों को सांत्वना दी, “यह सिर्फ हवा है, कुछ नहीं होगा।”
पर तभी ऊपर की सीढ़ियाँ अपने आप हिलने लगीं, जैसे किसी ने उन पर ज़ोर से कदम रखा हो। सोनू ने धीमे स्वर में कहा, “शायद हमें यहाँ से वापस लौट जाना चाहिए।” पर अब वापस लौटने का कोई रास्ता नहीं था।
रहस्यमयी कमरे और पुरानी वस्तुएँ
राजू ने हिम्मत दिखाते हुए ऊपर जाने का निश्चय किया। जैसे ही वे ऊपर पहुंचे, उन्हें एक पुराना कमरा दिखा, जो पूरी तरह से धूल से भरा हुआ था। कमरे के बीचों-बीच एक पुरानी अलमारी रखी हुई थी। उन्होंने अलमारी खोलने की कोशिश की, लेकिन वह जंग लगी हुई थी। जब सोनू ने ज़ोर लगाया, तो अलमारी अचानक से खुल गई। अंदर एक पुरानी डिबिया रखी थी। उस डिबिया को देखते ही पिंकी ने कहा, “यह डिबिया कुछ अजीब लग रही है। इसे मत छूना।”
लेकिन मोहन ने उत्सुकता में डिबिया उठा ली। जैसे ही उसने डिबिया खोली, कमरे की लाइट्स अचानक से बुझ गईं, और चारों ओर घना अंधेरा छा गया। उस अंधेरे में उन्हें किसी के ज़ोर से हँसने की आवाज़ सुनाई दी। यह आवाज़ बेहद डरावनी और रहस्यमयी थी। वे सब डर से कांपने लगे।
भूतिया रहस्य का खुलासा
अचानक, हवेली Haveli के अंदर एक औरत की परछाई दिखी, जो धीरे-धीरे उनके पास आ रही थी। वह औरत पूरी तरह सफेद कपड़ों में लिपटी हुई थी और उसके बाल बिखरे हुए थे। उसके हाथ में वही डिबिया थी, जो मोहन ने खोली थी। औरत की आँखें जल रही थीं, जैसे वह बहुत गुस्से में हो। उसने गहरी आवाज़ में कहा, “क्यों तुमने मेरी डिबिया छुई?”
राजू और उसके दोस्तों ने डिबिया वापस रख दी और माफी मांगते हुए वहां से भागने की कोशिश की। तभी अचानक दरवाज़ा अपने आप खुल गया और वे सब भागकर हवेली से बाहर निकल आए।
अंतिम मोड़
अगले दिन उन्होंने गाँव के बुज़ुर्गों से इस हवेली Haveli का रहस्य पूछा। बुज़ुर्गों ने बताया कि सालों पहले उस हवेली में एक अमीर जमींदार की पत्नी रहती थी, जो अपनी डिबिया से बहुत प्यार करती थी। उसकी मौत के बाद उसकी आत्मा उसी हवेली Haveli में बस गई और वह किसी को भी अपनी डिबिया छूने नहीं देती।
राजू और उसके दोस्तों ने उस दिन के बाद कसम खाई कि वे फिर कभी उस बूढ़ी हवेली के पास नहीं जाएँगे। हवेली Haveli अब भी वहीं खड़ी है, लेकिन अब कोई-भी उस की तरफ देखने की हिम्मत नहीं करता।
सीख: कभी-कभी पुरानी चीज़ें छूने या उनका रहस्य जानने की कोशिश करना हमें अनचाही मुश्किलों में डाल सकता है।
4. झील के किनारे का साया
गाँव के पास एक सुंदर झील थी, जो दिन के समय बहुत ही शांत और आकर्षक दिखती थी। लोग वहाँ घूमने जाते, मछलियाँ पकड़ते, और बच्चों की हँसी-खुशी के बीच वह जगह जीवन से भर जाती। पर जैसे ही सूर्य अस्त होता और रात की चादर फैलती, झील का रूप पूरी तरह बदल जाता। आसपास के लोग कहते थे कि झील के किनारे रात के समय एक साया घूमता है। वह साया इतना डरावना था कि जिसने भी उसे देखा, वो डर के मारे काँप उठा। मोनिका और उसकी दोस्त राधिका को इन कहानियों पर यकीन नहीं था। उन्हें लगता था कि यह सब बस गाँव वालों की गढ़ी हुई बातें हैं ताकि बच्चे रात में झील…. Read More
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