9. बच्चों के खेल का भूत | Ghost of Children’s Play
गाँव की एक शांत और संकरी गली थी, जहाँ हर शाम बच्चे Children’s इकट्ठा होकर खेलते थे। गली के कोने में एक पुरानी हवेली थी, जो बरसों से वीरान पड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ कुछ अजीब होता है, पर बच्चों ने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया। उनके लिए हवेली सिर्फ एक पुरानी, खंडहर-सी इमारत थी।
एक दिन, बच्चों Children’s ने नया खेल शुरू किया। खेल का नियम था कि जो भी सबसे पहले हवेली के अंदर जाकर छुपेगा, वो विजेता बनेगा। उनमें से एक लड़का, अर्जुन, बड़ा साहसी था। वह हमेशा सबसे आगे रहता और इस बार भी उसने बिना सोचे-समझे हवेली की तरफ दौड़ लगा दी। बाकी बच्चे बाहर खड़े होकर उसका इंतज़ार कर रहे थे।
अर्जुन हवेली के अंदर गया, पर कुछ देर बाद उसकी कोई आवाज़ नहीं आई। बच्चों Children’s ने सोचा कि शायद वह किसी कोने में छिपा होगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, अर्जुन बाहर नहीं आया। बाकी बच्चों Children’s ने हवेली के अंदर जाकर उसे ढूंढने का फैसला किया। पर जब वे अंदर पहुंचे, तो वहाँ अर्जुन का कोई नामोनिशान नहीं था। हवेली की दीवारें सन्नाटे में डूबी थीं, और हर तरफ़ धूल जमी हुई थी। अर्जुन गायब हो गया था।
बच्चे Children’s डर गए और भागकर अपने घर लौट आए। उन्होंने अर्जुन के माता-पिता को बताया, लेकिन अर्जुन का कोई सुराग नहीं मिला। पूरा गाँव उसे ढूंढने में जुट गया, पर कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार, अर्जुन के गायब होने की खबर पूरे गाँव में फैल गई।
कुछ हफ्तों बाद, बच्चे फिर से उसी गली में खेलने आए। पर इस बार कुछ अजीब हुआ। जब वे खेल रहे थे, उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि कोई और भी उनके साथ खेल रहा है। कभी गेंद अपने आप लुढ़कने लगती, कभी उन्हें किसी की हंसी सुनाई देती। सबसे अजीब बात तब हुई, जब उनमें से एक बच्चे Children’s ने अर्जुन की परछाई देखी। वह वही कपड़े पहने हुए था, जो उसने उस दिन पहने थे जब वह गायब हुआ था।
अब बच्चे Children’s समझ चुके थे कि अर्जुन का भूत उनके साथ खेल रहा था। डर के मारे उन्होंने वहाँ खेलना छोड़ दिया, और धीरे-धीरे हवेली के आसपास जाना भी बंद कर दिया। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि आज भी, जब शाम का अंधेरा गहराता है, उस गली में अर्जुन की हंसी गूंजती है और उसकी परछाई दिखती है। कोई नहीं जानता कि अर्जुन के साथ उस दिन क्या हुआ, पर वह गली अब एक रहस्य बन चुकी है।
10. संगीत वाली गुड़िया
मोहित को उसके छठे जन्मदिन पर एक बहुत ही सुंदर संगीत वाली गुड़िया तोहफ़े में मिली थी। वह गुड़िया गुलाबी कपड़े पहने, सिर पर छोटा सा ताज सजाए, और हाथ में एक छोटी सी बांसुरी लिए हुए थी। जब भी गुड़िया के पीछे का बटन दबाया जाता, वह मधुर संगीत बजाने लगती। मोहित को वह गुड़िया बहुत पसंद आई, और वह दिन भर उससे खेलता रहता। लेकिन अजीब बातें तब शुरू हुईं जब रात होती। दिन में तो गुड़िया का संगीत मीठा और प्यारा लगता, लेकिन रात होते ही संगीत धीमा और रहस्यमय हो जाता। मोहित ने पहली रात इस बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन दूसरी रात वह थोड़ा परेशान हुआ।
जैसे ही घर में सन्नाटा छा जाता, गुड़िया अपने आप बजने लगती। मोहित ने सोचा कि शायद उसने गलती से बटन दबा दिया होगा, इसलिए उसने गुड़िया को बंद कर दिया। लेकिन तीसरी रात कुछ और भी अजीब हुआ। आधी रात को, जब सब सो रहे थे, गुड़िया ने अचानक से बजना शुरू कर दिया। मोहित नींद से जागा और देखा कि गुड़िया उसकी अलमारी के ऊपर रखी थी, जबकि उसने उसे अपने बिस्तर के पास रखा था। गुड़िया की आँखें सीधे मोहित की ओर देख रही थीं, और संगीत धीमा होते हुए अजीब धुनें बजा रहा था। डरते हुए मोहित ने गुड़िया को उठाया और ….. Read More
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