‘र’ के रूप के 90+ शब्द | R ke Roop | Most Important

रेफ ( र् ) वाले शब्द | ref ki matra wale shabd

रेफ, R ke Roop व्याकरण की जटिलताओं में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। स्वर रहित ‘र्’ को ही व्याकरण की भाषा में रेफ कहा जाता है। पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इसका प्रयोग कभी भी किसी शब्द के प्रारंभिक अक्षर में नहीं होता, यह नियम अपरिवर्तनीय है। जब शब्दों के भीतर इसका उपयोग किया जाता है, तो रेफ हमेशा उस वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर अंकित होता है, जो इसके तुरंत बाद आता है। यह नियम हमें उच्चारण की स्वाभाविकता बनाए रखने में मदद करता है, जिससे भाषा की लय कायम रहती है।

अब, ‘र’ और ‘ऋ’ के बीच का अंतर भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। जहाँ ‘र’ एक व्यंजन है, वहीं ‘ऋ’ स्वर के रूप में आता है। इन दोनों के बीच का भेद समझना व्याकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ये ध्वनियाँ शब्दों की संरचना और अर्थ दोनों पर गहरा प्रभाव डालती हैं।

‘र’ और ‘ऋ’ के बीच का अंतर इस प्रकार है: R ke Roop

  1. र’ (व्यंजन):
    ‘र’ एक व्यंजन है और इसे उच्चारित करते समय जीभ हल्की सी कम्पन करती है। इसका प्रयोग शब्दों के मध्य या अंत में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शब्द “घर”, “प्यार”, “सूरज” में ‘र’ का उपयोग देखा जा सकता है। यह ध्वनि तेज़ और स्पष्ट होती है।
  2. ऋ’ (स्वर):
    ‘ऋ’ एक स्वर है, और इसका उच्चारण करते समय जीभ तालु के मध्य भाग को छूती है। ‘ऋ’ का उपयोग मुख्य रूप से संस्कृतनिष्ठ शब्दों में होता है, जैसे “ऋषि”, “ऋतु”, और “ऋण”। इसकी ध्वनि अधिक जटिल और हल्की होती है, जो स्वर और व्यंजन के मिश्रण जैसी प्रतीत होती है।

संक्षेप में, ‘र’ एक व्यंजन है, जबकि ‘ऋ’ एक स्वर, और दोनों के उच्चारण में स्पष्ट भिन्नता है।

यहाँ 30 शब्द दिए गए हैं, जिनमें रेफ का प्रयोग किया गया है: R ke Roop

  • पर्वत
  • मर्म
  • कर्म
  • शर्करा
  • गर्म
  • ध्रुव
  • धर्म
  • भर्म
  • सर्प
  • हर्ष
  • तर्पण
  • अर्पण
  • उर्वर
  • गर्भ
  • वर्म
  • दर्श
  • वर्ण
  • स्वर्ण
  • सर्म
  • गर्जन
  • पर्व
  • अर्ध
  • त्वरित
  • शरद
  • मृदु
  • धैर्य
  • भ्रम
  • चारण
  • अर्प
  • मर्मर

पदेन रूप R ke Roop |r paden ki matra

R ke Roop

यहाँ ‘र’ के पदेन रूप की बात की जा रही है। ‘र’ का यह रूप बिना स्वर के होता है और अपने से पहले आए व्यंजन से जुड़कर उसकी ध्वनि में सम्मिलित हो जाता है। अब, पाई वाले व्यंजनों के साथ इसका स्वरूप थोड़ा तिरछा होता है, R ke Roop उदाहरण के लिए— द्र, प्र, म्र, क्र। वहीं, पाई रहित व्यंजनों के साथ इसका पदेन रूप सीधा और सरल होता है, जैसे— द्रव्य, क्रम, पेट्रोल, ड्राइवर।

अब, कुछ विशेष ध्वनियों पर नज़र डालते हैं: R ke Roop

  1. जब ‘द’ और ‘ह’ के साथ ‘र’ का पदेन रूप जुड़ता है, तो यह संयोजन द्र और ह्र के रूप में होता है। उदाहरणस्वरूप— दरिद्र, रुद्र, हृद, ह्रास।
  2. वहीं, ‘त’ और ‘श’ में ‘र’ का पदेन प्रयोग अलग ढंग से होता है। ‘त’ के साथ यह त्र बन जाता है और ‘श’ के साथ श्र, जैसे— नेत्र, त्रिशूल, अश्रु, श्रमिक।

यहाँ हर संयोजन की अपनी एक ध्वनि और रूप है, जो शब्द को नए अर्थ और ध्वनि के साथ प्रस्तुत करता है।

यहाँ ‘र’ के नीचे पदेन रूप से बनने वाले 30 शब्द दिए गए हैं: R ke Roop

  1. दरिद्र
  2. द्रव्य
  3. रुद्र
  4. हृद
  5. ह्रास
  6. क्रम
  7. पेट्रोल
  8. ड्राइवर
  9. त्रिशूल
  10. नेत्र
  11. अश्रु
  12. श्रमिक
  13. मृदु
  14. क्रांति
  15. प्रगति
  16. द्रष्टा
  17. प्रज्ञा
  18. म्रिग
  19. त्रिवेणी
  20. द्रव
  21. तिरछा
  22. हर्ष
  23. श्रेणी
  24. म्रियमाण
  25. क्रूज
  26. श्रवण
  27. त्रिभुज
  28. द्रष्टि
  29. श्रम
  30. हृदय

ये शब्द ‘र’ के नीचे पदेन रूप के साथ विभिन्न व्यंजनों से बनते हैं।

‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द | R ke Roop

‘र’ अक्षर का संसार बड़ा ही रोचक है। ये केवल शब्दों की शुरुआत में नहीं, बल्कि बीच में और कभी-कभी अंत में भी दिखाई देता है। यानी, ‘र’ अपने आप में एक बेहद लचीला अक्षर है, जो भाषाई संरचना में हर ओर घूमता रहता है।

अब बात आती है मात्राओं की। ‘र’ को लगभग हर मात्रा स्वीकार्य है, जैसे – ‘रा’ से लेकर ‘री’, ‘रु’, ‘रू’, ‘रो’, ‘रौ’ तक। पर एक दिलचस्प बात यह है कि इसे ‘ऋ’ और हलंत (्) के साथ कभी नहीं देखा जाएगा। ‘र’ में ये दोनों जोड़ नहीं लगते, यह इसका विशेष गुण है।

यहां ‘रु’ और ‘रू’ वाले 30 सामान्य शब्द दिए गए हैं:

  1. रुपया
  2. रुचि
  3. रुद्र
  4. रुका
  5. रुई
  6. रुका हुआ
  7. रुतबा
  8. रुस्तम
  9. रूखा
  10. रूचिर
  11. रूबाब
  12. रूमान
  13. रूठना
  14. रूकावट
  15. रूला
  16. रूबी
  17. रूप
  18. रूपया
  19. रूपक
  20. रूम
  21. रूई
  22. रूचिका
  23. रूबरू
  24. रूढ़ि
  25. रूपसी
  26. रूपांतर
  27. रूखा-सूखा
  28. रूपाली
  29. रूढ़िवाद
  30. रूखापन

ये शब्द ‘रु’ और ‘रू’ के उपयोग को दर्शाते हैं और हिंदी में सामान्य रूप से उपयोग किए जाते हैं।

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R ke Roop

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